मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए नए साल का तोहफा देते हुए 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। इससे कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन और पेंशन में 25 से 30% तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
7वें वेतन आयोग को 2016 में लागू किया गया था, जिसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा। इसके बाद, 8वें वेतन आयोग के लागू होने से लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में भी लागू होने की संभावना
परंपरा के अनुसार, जब केंद्र सरकार द्वारा वेतन आयोग लागू किया जाता है, तो उसे उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी लागू किया जाता है। केंद्र में 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार भी इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
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- लगभग 8 लाख राज्य कर्मचारी
- करीब 4 लाख पेंशनभोगी
विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी सरकार इसे 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले लागू कर सकती है।
7वें वेतन आयोग का अनुभव
7वें वेतन आयोग को केंद्र सरकार ने फरवरी 2014 में गठित किया था, लेकिन इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं। उत्तर प्रदेश में इसे लागू करने में 6 महीने की देरी हुई थी, हालांकि कर्मचारियों को एरियर के साथ वेतन दिया गया था।
इस बार अनुमान है कि उत्तर प्रदेश सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के 5-6 महीने बाद इसे लागू करेगी, ताकि कर्मचारियों को समय पर लाभ मिल सके।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की अपील
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने केंद्र सरकार को 8वें वेतन आयोग को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया है। साथ ही, उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से अपील की है कि इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए। परिषद का कहना है कि प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इसका लाभ शीघ्र मिलना चाहिए।
8वें वेतन आयोग से संभावित लाभ
- वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी: 25-30% तक।
- महंगाई भत्ते (DA) में इजाफा।
- कर्मचारियों की संतुष्टि: नए वेतनमान से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
8वें वेतन आयोग का लागू होना केंद्र और राज्यों के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा। उत्तर प्रदेश सरकार भी इसे जल्द लागू करने की दिशा में कदम उठाएगी। यह निर्णय न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि उनकी उत्पादकता और संतुष्टि को भी बढ़ाएगा।
योगी सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इसे 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले लागू करेगी, ताकि राज्य के कर्मचारियों को इसका लाभ समय पर मिल सके।