हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति के खराब होने के कारण उठाया गया है। यह निर्णय लाखों खाताधारकों के लिए चिंता का कारण बन गया है, क्योंकि उनकी जमा राशि अब बैंक में फंसी हुई है। आइए जानते हैं इस फैसले के कारण, राहत की प्रक्रियाएं और भविष्य के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
बैंक बंद होने का कारण
RBI ने बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द करने का फैसला बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण लिया। बैंक की वित्तीय हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि वह अपने जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि वापस नहीं कर पा रहा था। इसके पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और भविष्य में इसके सुधार की कोई संभावना भी नहीं दिख रही थी। इसी कारण RBI ने इस कठोर कदम को उठाया।
जमाकर्ताओं के लिए राहत
बैंक के बंद होने के बाद जमाकर्ताओं के लिए एक राहत की खबर है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के माध्यम से, जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक की राशि वापस मिल सकती है। यह सुविधा सभी प्रकार के खातों पर लागू होती है, जैसे कि बचत खाता, चालू खाता और सावधि जमा। DICGC से यह राशि मिलने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी, जिससे जमाकर्ताओं को कुछ राहत मिलेगी।
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जमाकर्ताओं को अपनी राशि वापस प्राप्त करने के लिए DICGC के पास दावा दाखिल करना होगा। इसके लिए उन्हें अपने खाते से संबंधित सभी दस्तावेज जैसे पासबुक, फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद और पहचान प्रमाण तैयार रखने होंगे। इन दस्तावेजों की उपलब्धता से दावा प्रक्रिया को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी आवश्यक दस्तावेज़ सही और सुरक्षित हों।
5 लाख से अधिक जमा राशि वाले खाताधारक
जो खाताधारक 5 लाख रुपये से अधिक की राशि बैंक में जमा किए हुए हैं, उनके लिए स्थिति चिंताजनक हो सकती है। इस राशि से अधिक के दावों के लिए उन्हें बैंक की परिसमापन प्रक्रिया का इंतजार करना होगा। हालांकि, यह प्रक्रिया समय-consuming हो सकती है और पूरी राशि की वापसी की गारंटी नहीं होती। ऐसे खाताधारकों को धैर्यपूर्वक प्रक्रिया का पालन करना होगा।
सरकारी कदम और समिति का गठन
उत्तर प्रदेश सहकारिता आयुक्त और सरकारी समिति रजिस्ट्रार को इस मामले में आवश्यक आदेश जारी करने का निर्देश दिया गया है। यह कदम जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा और परिसमापन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए उठाया गया है। सरकारी अधिकारियों की निगरानी से यह प्रक्रिया जल्द और सही तरीके से पूरी की जा सकेगी।
भविष्य के लिए सीख
यह घटना बैंक ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है। भविष्य में ग्राहकों को अपनी बचत को एक ही बैंक में जमा करने से बचना चाहिए और हमेशा बैंक की वित्तीय स्थिति पर नजर रखनी चाहिए। बीमा सीमा से अधिक राशि एक ही बैंक में जमा करने से जोखिम बढ़ सकता है। साथ ही, अपने खातों और दस्तावेजों को सुरक्षित रखना भी जरूरी है, ताकि ऐसी परिस्थितियों में कोई परेशानी न हो।
बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द होना एक गंभीर घटना है जो हजारों जमाकर्ताओं को प्रभावित करती है। हालांकि, DICGC के माध्यम से 5 लाख रुपये तक की राशि की वापसी एक राहत है, लेकिन 5 लाख से अधिक की राशि पर जमाकर्ताओं को बैंक की परिसमापन प्रक्रिया का इंतजार करना होगा। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि ग्राहकों को अपने पैसों की सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए।